कविता है तो कवि है ,कवि है तो कविता जीवन की लय समझाती है जीवन सरिता। मधुरिम मधुरिम कविता है तो कवि है ,कवि है तो कविता जीवन की लय समझाती है जीवन सरिता। म...
मैं एक कवि कवि ने खुद को ही प्रस्तुत किया है कविता के घर में पनाह माँगते हुए मैं एक कवि कवि ने खुद को ही प्रस्तुत किया है कविता के घर में पनाह माँगते हुए
शब्दों की भीड़ में मैं कवि को ढूँढ़ रही हूँ शब्दों की भीड़ में मैं कवि को ढूँढ़ रही हूँ
जात पात और धर्म बैठे तराजू की एक ओर हैं, समझ नहीं आता दूसरी ओर बैठा कौन है। जात पात और धर्म बैठे तराजू की एक ओर हैं, समझ नहीं आता दूसरी ओर बैठा कौन है।
उसने हमसे पूछ लिया, दूसरी कविता फिर कब सुनायेंगे ? उसने हमसे पूछ लिया, दूसरी कविता फिर कब सुनायेंगे ?
एक अरसा पड़ा सींचना पर उग गयी मेरी बोई कविता, कवि ने ऐसा क्या कह डाला कि सिसक सिसक रोई कविता एक अरसा पड़ा सींचना पर उग गयी मेरी बोई कविता, कवि ने ऐसा क्या कह डाला कि सिसक ...